बदनाम हो गए मेरी मुहब्बत , के फसाने | कहाँ जाये अब हम तुझको, भुलाने |
कितने इल्जाम अभी उठाने होंगे | बदनाम और कितने हमारे फसाने होंगे।
शहीदों के त्याग को हम, बदनाम नही होने देंगे, भारत की इस आजादी, की कभी शाम नही होने देंगे।
हुए बदनाम मगर फिर भी, न सुधर पाए हम, फिर वही शायरी फिर वही इश्क, फिर वही तुम फिर वही साल | Happy new year 2020
आजादी की कभी शाम ना होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे बची है जो 1 भी बूंद लहू की तब तक भारत का आँचल नीलाम ना होने देंगे